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हनुमान धाम के संस्थापक विजय जी महाराज ने माता के नौ स्वरूपों का किया वर्णन

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“जय माता दी”

नई दिल्ली— उत्तराखंड के रामनगर स्थित हनुमान धाम के संस्थापक श्री विजय जी महाराज नवरात्रों में माता रानी नौ स्वरूपों का बहुत अच्छे से वर्णन करते हए बताया जो भी भक्तजन नवरात्रों के दिनों मे माता रानी का पूर्ण भक्ति भाव से अनुसरण कर व्रत रखता है। माता रानी उसकी सभी इच्छाएं मनोकामनाओं को पूर्ण करती है और उसको दीर्घायु प्रदान करती हैं। रामनगर स्थित हनुमान धाम के बारे मे बात करते हुए बताया कि आज हनुमान धाम उत्तराखंड के प्रमुख धामों में शामिल है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर धाम पर बड़ी संख्या में भक्ता आते हैं और अपनी मनोकामना को पूर्ण करते हैं नवरात्रि के अवसर पर मंदिर को बहुत ही सुंदर लाइट एव फूलों से सजाया गया है।

 

नव देवियों के नौ स्वरूपों का सुन्दर विवरण

नवदुर्गा: नौ रूपों में स्त्री जीवन का पूर्ण प्रतिबिम्ब..

एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है नवदुर्गा के नौ स्वरूप।

 

1. जन्म ग्रहण करती हुई कन्या *”शैलपुत्री”* स्वरूप है।

 

2. कौमार्य अवस्था तक *”ब्रह्मचारिणी”* का रूप है।

 

3. विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह *”चंद्रघंटा”* समान है।

 

4. नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह *”कूष्मांडा”* स्वरूप में है।

5. संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री *”स्कन्दमाता”* हो जाती है।

6. संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री *”कात्यायनी”* रूप है।

7. अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह *”कालरात्रि”* जैसी है।

 

8. संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से *”महागौरी”* हो जाती है।

 

9. धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार में अपनी संतान को सिद्धि(समस्त सुख-संपदा) का आशीर्वाद देने वाली *”सिद्धिदात्री”* हो जाती है।

 

माँ के नवरात्रि पर्व पर आप व आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाये एवम् बधाई।।

 

🚩माँ दुर्गे आपकी सभी मनोकामना पूर्ण करें 🚩

         आचार्य विजय

लेख — मुकेश कश्यप (संस्थापक)

 

khabara Dar
Author: khabara Dar

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