नई दिल्ली— साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। ये ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों और आर्कटिक, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, फिजी, चिली, पेरू, होनोलूलू, ब्यूनो आयर्स, अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिका और प्रशांत महासागर के भी कुछ इलाकों से नजर आएगा। ऐसे में भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। अगर ग्रहण भारत में दिखाई देता, तो सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है।
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्तूबर 2024 रात के 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा, जो देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि करीब 6 घंटे 4 मिनट की होगी। साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ये ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा, जो देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि करीब 6 घंटे 4 मिनट की होगी। इस दिन पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि है, और अगले दिन शारदीय नवरात्रि का पहला दिन। ऐसे में सूर्य ग्रहण ज्योतिष शास्त्र और खगोल शास्त्र दोनों के नजरिए से महत्वपूर्ण है। खगोल विज्ञान के अनुसार जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है, तो चांद के पीछे सूरज का बिंब कुछ समय के लिए ढक जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण का प्रभाव आकाश से लेकर सभी जातक की राशि पर भी पड़ता है।